Saturday, November 19, 2016

लापता नजीब और हमारा भयानक भविष्य

नजीब की तस्वीर वाली पोस्टर लिए उसकी माँ 
साथ में जेएनयू के छात्र
(छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित के पांडेय के फेसबुक वाल से)
जेएनयू से नजीब अहमद नामक छात्र का पिछले महीने एक दिन (15 अक्टूबर 2016) अचानक से लापता हो जाना- हमारे समय की एक अफसोसनाक घटना मात्र नहीं है- भयानक भविष्य की झलकी भी है !! अपेक्षाकृत सुरक्षित समझे जाने वाले विश्वविद्यालय परिसरों में किसी को भी कभी पीट दिया जाएगा । किसी को कभी भी गायब कर दिया जाएगा । किसी की कहीं हत्या कर दी जाएगी । यह सब सत्ता के नशे में और राजनीतिक संरक्षण में होगा, होता रहेगा । अलग-अलग तात्कालिक कारण गिनाए जाएँगे । घटनाओं को तरह तरह के रंग दिये जाएँगे । घटनाओं की जाँच इसे रहस्यमय मान कर अथवा साक्ष्यों के अभाव में बंद कर दी जाएगी । बचे हुए लोग इसे एक और अफसोसनाक घटना समझ कर भूल जाएँगे । नजीब के लिए तो न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए फिर भी कुछ लोग हैं, उसकी मजबूत इरादों वाली माँ हैं, जेएनयू के जुझारू साथी हैं, हर किसी को यह भी कहाँ नसीब होगा?
इस दौर में जैसे सत्ता और प्रशासन निरीह और लाचार लोगों के सिर पर अपने नुकीले जूते रख रौंदने में लगे हुए हैं । रिसते हुए खून और चीत्कार सत्तासुख को अधिक आनंदमयी बना रहे हैं । नजीब मसले में शासन-प्रशासन सबका ऐसा ही रवैया है । संभव है कि नजीब ने तनावपूर्ण घटना के मन पर पड़े बेहद नकारात्मक असर के कारण, तीव्र भय और आशंका से उबर नहीं पाने के कारण खुद ही नितांत अकेलापन चुन लिया हो, लेकिन तब यह अधिक जरूरी है उसे इस स्थिति तक पहुँचाने वाले कारकों की पहचान सुनिश्चित की जाए । दोषियों को चिह्नित किया जाए । नजीब को ढूँढ़ कर उसके भय को निर्मूल साबित करने के प्रयास किये जाएँ । लेकिन वह दरअसल अपने परिजनों कुछ साथियों को छोड़कर किसी की चिंता में शामिल नहीं है । आखिर देश के सर्वाधिक सक्षम माने जाने वाले पुलिस बलों में से एक दिल्ली पुलिस को एक भी महत्वपूर्ण सुराग क्यों नहीं मिल सका है? क्या देश की खूफिया एजेंसियाँ नकारा हो गयी हैं ?
नजीब मसले में यदि न्याय सुनिश्चित नहीं हुआ या इसमें बहुत देरी हुई तो हम सामूहिक रूप से सदियों तक इस अन्याय की सजा भोगेंगे । हम सब में से कोई न कोई इस व्यवस्था की विद्रूपता का शिकार होता रहेगा । अभी जब मैं नजीब पर लिख रहा हूँ, तो लग रहा है ख़ुद पर लिख रहा हूँ ।


नजीब अहमद मामले से जुड़ी कुछ खबरों के लिंक :

No comments:

Post a Comment